भाषण
वाद विवाद के मध्यस्त जो होते हैं, हमेशा टीम के सदस्य, एक न्यायाधीश या दर्शकों में से एक व्यक्ति को बोलने के लिए मंच पर बुलाते हैं। एक बार जब एक वक्ता शुरू करते हैं, तो वाद विवाद के मध्यस्त या समयपाल द्वारा आदेश किए जाने पर ही मंच छोड़ने के लिए बाध्य होते हैं।
वाद विवाद के टीमों के सदस्य को बोलते समय खड़ा होना चाहिए - चाहे वे तैयार भाषण दे रहे हों, पीओआई / पीओए आदि की पेशकश कर रहे हों, या कोई प्रश्न पूछ रहे हों। समय बर्बाद करने से बचने के लिए, यह अनुशंसा की जाती हैं की वे मंच के बीच में जाने के बजाय अपनी जगह से बोले।
पूर्व-लिखित भाषणों को पढ़ने से बचना चाहिए, डेटा के अंशों को छोड़कर - सांख्यिकी, ऐतिहासिक घटनाएँ, तीसरे व्यक्ति को निर्देशित करते हुए उद्धरण, आदि या दूसरे पक्ष द्वारा किए गए तर्कों का उल्लेख करने के लिए।
वाद विवाद के वैयक्तीकरण से बचने के लिए, सभी वक्ताओं को सभी टीमों को तिसरे व्यक्ति के रूप उल्लेख करना चाहिए ("दूसरी टीम", "टीम २ से भाषण देनेवाले सदस्य", "हमारे विरोधी") न की ("आप" या "जॉन, यह गलत हैं ") जैसे बयानों के बजाय। हालाँकि औपचारिकता की जरूरत नहीं हैं।
अधिकांश वाद विवाद शैलियों में सूचना के मुद्दे अच्छी तरह से फैले हुए हैं और अन्य टीमों के सदस्यों द्वारा प्रतिवाद की पेशकश करने के लिए वक्ता के संक्षिप्त रुकावट हैं।
पीओआई का अनुरोध केवल बोलनेवाली टीम के अलावा अन्य टीमों के सदस्यों द्वारा किया जा सकता हैं। ऐसा करने के लिए, दूसरी टीम का सदस्य हाथ उठाते हैं। जिस वक्ता को पीओआई संबोधित किया गया था, वह प्रस्तावित पीओआई को स्वीकार करना या न करना यह चुना जा सकता हैं। पहले मामले में, वह केवल "हाँ?" कह सकते हैं। और अस्थायी रूप से प्रतिद्वंदी को मंच पर बुलाते। दूसरे मामले में, वह " नहीं, धन्यवाद" कह सकते हैं या अनुरोध को खारिज करने और आगे बढ़ने के लिए केवल हाथ से इशारा कर सकते हैं।
एक पीओआई १५ सेकंड से अधिक नहीं चल सकता हैं।
आमतौर पर, अधिकांश वाद विवाद की प्रणालियाँ भाषण के "संरक्षित समय" को परिभाषित करती हैं, जिसके दौरान पीओआई नहीं बनाए जा सकते हैं। हमारे दौरों की लंबाई को ध्यान में रखते हुए, यह संरक्षित समय भाषण का पहला और अंतिम ४५ सेकंड होगा।

टीम के किसी भी सदस्य द्वारा पोईँट ऑफ ऑर्डर उठाया जा सकता हैं जो मानता हैं की वाद विवाद के नियमों को तोड़ा गया हैं, और उल्लंघन पाए जाने पर इसे तुरंत किया जाना चाहिए।
पोईँट ऑफ ऑर्डर को उठाने की प्रक्रिया निम्नलिखित हैं:
- पीओओ बनाने की इच्छा रखनेवाला वाद विवाद करनेवाला होता हैं और कहता हैं, "पोईँट ऑफ ऑर्डर"।
- वक्ता बोलना बंद कर देता हैं।
- पीओओ के साथ वाद विवाद मध्यस्त को संबोधित करता हैं और अपने मामले की व्याख्या करता हैं। इस अवधि के दौरान, टाइमिंग निलंबित हैं।
- मामले की सुनवाई के बाद वाद विवाद मध्यस्त फ़ैसला करता हैं।
सामान्य तौर पर, पोईँट ऑफ ऑर्डर:
- एक वक्ता को बाधित कर सकता हैं।
- वाद विवाद योग्य नहीं हैं
- संशोधित या पुनर्विचार नहीं किया जा सकता
- वाद विवाद मध्यस्त द्वारा निर्णय लिया जाता हैं, जिसमें निर्णय अंतिम होता हैं।
पोईँट ऑफ अग्रीमेंट वाद विवाद की एक नवीन विशेषता हैं, जो आम सहमति निर्माण की दिशा में वाद विवाद को संचालित करने के लिए निर्देशित हैं। पीओए का उद्देश्य एक टीम द्वारा एक अलग टीम द्वारा प्रस्तावित तर्क की स्वीकृति को बताना हैं। इस स्वीकृति को बाद में वापस नहीं लिया जा सकता हैं। पीओए बढ़ाने के लिए, उठानेवाली टीम को सभी सदस्यों को सहमत होना चाहिए (एक आम सहमति होनी चाहिए)
समझौते के बजाय असहमति का प्रतिनिधित्व करनेवाले "हाँ, लेकिन…" जैसे परिदृश्यों को रोकने के लिए, एक पीओए को विरोधी टीम के तर्क को ठीक उसी तरह दोहराना चाहिए जैसे की मूल रप से कहा गया था। इसे विकृत, सुशोभित, सूक्ष्म, या किसी भी तरह से आगे विस्तृत नहीं किया जा सकता हैं। उदाहरण के लिए, एक टीम यह नहीं कह सकती हैं की, हम इस स्थिति से सहमत हैं की सब्सिडीवाली उच्च शिक्षा में मध्यम मात्रा में धोकधड़ी हो रहीं हैं, लेकिन…."। या तो विरोधी टीम द्वारा दिए गए बयान को जैसा कहा गया था वैसा ही स्वीकार किया जाता हैं, या उस पर कोई पीओए नहीं हो सकता हैं।
पोईँट ऑफ अग्रीमेंट की प्रक्रिया हैं:
- अपने बोलने की बारी आती हैं तब, पीओए का प्रस्ताव करनेवाला एक टीम सदस्य स्पष्ट रूप से कहता हैं, "हमारी टीम, टीम XXXX की स्थिति/कथन से सहमत हैं की: कथन"।
- बयान एक बहस या स्थिति की सटीक पुनरावृत्ति होना चाहिए जो दूसरी टीम ने की हैं।
- लक्ष्य में रखी गई टीम या तो "स्वीकृती" (यदि बताया गया बयान वास्तव में उनकी स्थिति को दर्शाता हैं) या "अस्वीकृति" देते हैं (यदि ऐसा नहीं हैं)। यदि उत्तरार्द्ध, एक संक्षिप्त स्पष्टीकरण शामिल किया जा सकता हैं।
टीमों का फ्यूजन Agora Speakers की एक अनूठी विशेषता हैं जो आम सहमति तक पहुँचने की कोशिश को प्रोत्साहित करती हैं।
वाद विवाद के दौरान, कभी भी, तो टीम एक आम सहमति की स्थिति का बचाव करते हुए एक समझौते पर पहुँच सकती हैं और एक टीम के रूप में साथ आ सकती हैं। उपरिक्त उदाहरण में टीम एन और टीम डि एक समान स्थिति का बचाव करते हुए विलय करने के लिए सहमत हो सकते हैं की "लोगों को अपनी शिक्षा के लिए भुगतान करना चाहिए, और यदि उनकी कमाई का स्तर एक निश्चित स्तर से नीचे हैं तो राशि प्रतिकात्मक होनी चाहिए":

जब दो टीम अपनी स्थिति को फ़्यूज करती हैं और एक टीम बन जाती हैं, तो परिणामी फ़्यूज हुई टीम के सदस्यों की उच्चित संख्या को निष्पक्षता बनाए रखने के लिए छोड़ देना चाहिए और नियम यह हैं की सभी टीमों में सदस्यों की संख्या समान होनी छाइए।
फ़्यूज के लिए दोनों टीमों के सभी सदस्यों द्वारा सर्वसम्मती से सहमति की आवश्यकता होती हैं और निम्नानुसार आगे बढ़ती हैं:
- प्रस्ताव करनेवाली टीम किसी अन्य टीम को आम सहमति की स्थिति प्रदान करने का निर्णय लेती हैं। प्रस्ताव करनेवाली टीम के सभी सदस्यों को सर्वसम्मति की स्थिति के शब्दों से सहमत होना चाहिए। साथ ही, प्रस्तावित टीम को टीम के सदस्यों को पहले से चुना होना चाहिए जो प्रस्ताव स्वीकार होने पर छोड़ देंगे।
- जब प्रस्ताव करनेवाली टीम जब किसी की बोलने की बारी आती हैं, तो वक्ता का लक्ष्य टीम को संबोधित करते हुए शुरू होता हैं और कुछ ऐसा कहता हैं, "हम टीम XXXX जो निम्नलिखित सर्वसम्मति की स्थिति प्रदान करना चाहते हैं:"। जो भी तारीख चुनी गई हो, यह स्पष्ट किया जाना चाहिए की यह विलय की स्थिति का प्रस्ताव हैं, प्रस्ताव को स्पष्ट रूप से लिखा जाना चाहिए, और इसे एक विशिष्ट लक्ष्य में रखी गई टीम को निर्देशित किया जाना चाहिए।
- प्रस्ताव दिए जाने के बाद, वक्ता अपने नियमित भाषण के साथ आगे बढ़ते हैं।
- जब प्रस्ताव करनेवाली टीम की बारी समाप्त होती हैं, तो मध्यस्त लक्ष्य में रखी गई टीम को निर्णय लेने के लिए वाद विवाद में १ मिनट का विराम देते हैं। विराम के दौरान, लक्ष्य में रखी गई टीम विचार-विमर्श करती हैं और निर्णय लेती हैं, जो केवल प्रस्तावित सर्वसम्मति की स्थिति को स्वीकार या अस्वीकार करने के लिए हो सकता हैं। स्वीकृति सर्वसम्मत होनी चाहिए, और यह स्पष्ट होना चाहिए की स्वीकार करनेवाली टीम में से कौन से टीम के सदस्य फ़्यूज हुए टीम के संतुलन को बनाए रखने के लिए छोड़ देंगे।
- विराम के बाद, बोलने की बारी किसी की भी हो, मध्यस्त लक्षित टीम को संबोधित करता हैं और पूछता हैं की क्या वे प्रस्तावित स्थिति को स्वीकार या अस्वीकार करते हैं। लक्ष्य में रखी गई टीम केवल स्वीकृति या अस्वीकृति के साथ जवाब दे सकती हैं, इस समय पर किसी भी तर्क या भाषण की अनुमति नहीं हैं।
- यदि लक्षित टीम अस्वीकार कर देती हैं, तो बहस सामान्य रूप से आगे बढ़ती हैं, मध्यस्त अगली टीम को बोलने के लिए मंच देता हैं।
- यदि लक्षित टीम सहमत होती हैं, तो पहले से चुनी गई टीम के सदस्य चले जाते हैं, और एक एकल फ़्यूज हुई टीम आगे बढ़ती हैं। यह नई टीम इस दौर के दौरान नहीं बोल सकती हैं, क्योंकि ऐसा माना जाता हैं की यह पहले ही पोईँट ३ में अपनी बारी का उपयोग कर चुके हैं।
फ़्यूज हुए टीमों पर पुन:विभाजन की अनुमति नहीं हैं।
किसी भी सामान्य टीम के लिए लागू मानक समय के साथ, फ़्यूज हुई टीमों को केवल एक एकल टीम के रूप में उनके फ़्यूज़न के लिए माना जाता हैं, जो एकल बोलने और क्रॉस-एग्ज़ामीन के लिए आइ बारी का आनंद ले रहे हैं।
यदि फ़्यूजन के बाद कोई और टीम नहीं रहती हैं तो वाद विवाद "आम सहमति" के साथ खुद ही समाप्त हो जाता हैं।
यदि यह वाद विवाद प्रतियोगिता हैं, तो सभी टीमें अंतिम दौर में शामिल हो जाते हैं और अंत में बचे टीम को "सहमति के साथ विजेता" घोषित किया जाता हैं। प्रतियोगिताओं को इस तरह के परिणाम को प्रोत्साहित करना चाहिए।
ध्यान दें की यदि किसी भी प्रकार के व्यक्तिगत पुरस्कार उपलब्ध हैं, तो उन्हें फ़्यूज टीमों के सभी प्रारंभिक सदस्यों को दिया जाना चाहिए, भले हीं उन्होंने टीम संतुलन बनाए रखने के लिए फ़्यूजन के दौरान वाद विवाद छोड़ दिया हों।
एक अच्छे वाद विवाद और क्लब के माहौल के लिए यह अनिवार्य हैं की किसी भी तरह के अपमान, व्यक्तिगत तर्क, सम्मानजनक भाषण, या स्वर को बढ़ाने या चिल्लाने से रोका जाए। इनमें से किसी की भी अनुमति नहीं हैं और इसके परिणामस्वरूप टीम के किसी सदस्य या टीम की आयोग्यता हो सकती हैं। ध्यान दें की अपमान अशब्दिक हो सकता हैं (उदाहरण के लिए इशारों के रूप में) और उन्हें अभी भी दंडित किया जाना चाहिए।
एक व्यक्तिगत तर्क कोई भी तर्क (या प्रश्न, या टिप्पणी) हैं जो विरोधी टीम के किसी व्यक्ति की विशेषताओं या गुणों या वाद विवाद के क्षेत्र से बाहर की वस्तुओं को लक्षित करता हैं, जिसमें शामिल हैं (लेकिन सीमित नहीं):
- आयु, लिंग, यौन अभिविन्यास या पहचान, राष्ट्रीयता, नस्ल, रंग, धर्म, विचारधारा, चिकित्सा की दशाएँ।
- शिक्षण या व्यावसायिक पृष्ठभूमि।
- जीवनशैली, प्राथमिकताएँ, शौक और रूचियाँ।
- वाद विवाद के बाहर किए गए प्रकाशन या बयान। (वाद विवाद स्वयं निहित हैं, और केवल वाद विवाद के दौरान व्यक्त किए गए तर्कों का विरोध किया जा सकता हैं)।
व्यक्तिगत तर्क भी तर्क हैं जो उपरिक्त मानदंडों के आधार पर लोगों के समूहों के समान्यीकरण पर लागू होते हैं, भले ही जिन्हें संबोधित किए जानेवाले समूह से संबंधित न हों। उदाहरण के लिए, "सभी स्पेन वासी आलसी हैं" यह एक बिना सोची समझी प्रतिक्रिया हैं (एड होमिनेम), भले ही वाद विवाद में कोई भी स्पेन से न हों। हालाँकि ध्यान दें, की लोगों के समूहों से संबंधित वस्तुनिष्ठ गैर निर्णयात्मक शोध साक्ष्य प्रस्तुत करने की अनुमति हैं। उदाहरण के लिए, यह दावा करना वैध हैं "ऐल्बेनीया मेओं लोग प्रति सप्ताह केवल १२.६ घंटे काम करते हैं, जब की फ़्रान्स में प्रति सप्ताह ३७.४ घंटे काम करते हैं"।
वाद विवाद के मध्यस्त को व्यक्तिगत तर्क सुनने पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। यदि ऐसा नहीं होता हैं, तो जिस सदस्य को व्यक्तिगत तर्क दिया गया था, वह अपना हाथ उठा सकता हैं और मध्यस्त को कार्य करने के लिए मजबूर करने के लिए "बिना सोची समझी प्रतिक्रिया (एड होमिनेम) " कह सकते हैं, जिसके लिए मध्यस्त को "असहमती" या "सहमती" देनी चाहिए। यदि मध्यस्त का मानना हैं की व्यक्तिगत तर्क का उपयोग किया गया हैं, तो वह नीचे दिए गए में से एक को कर सकते हैं:
- भविष्य में इसी तरह के तर्कों से बचने के लिए एड होमिनेम का उपयोग करनेवाले टीम के सदस्य को चेतावनी दें।
- वक्ता को बोलने से रोके, और एक दौर के दौरान आपत्तिजनक टीम को उनके बोलने की बारी से वंचित करें।
- आपत्तिजनक टीम के सदस्य को अयोग्य घोषित करें और उसे आपत्तिजनक टीम से निकाल दे।
- टीम को अयोग्य घोषित करें यदि टीम के सदस्य व्यक्तिगत तर्कों का उपयोग करने के वाद भी अपने सदस्यों में किसी एक को उस कारण से अयोग्य घोषित कर देते हैं।
- यदि वह देखते हैं की यह एक एड होमिनेम मैच में बदल गया हैं तो वाद विवाद को ही समाप्त कर दें।
एक अलग तरह का कम गंभीर लेकिन समान रूप से अस्वीकार्य बर्ताव हैं:
- नकली पीओआई या नकली पीओए के साथ अन्य वक्ताओं को लगातार बाधित करना
- दूसरी टीम के समय को "खाने" के लिए रुकावटों का उपयोग करना, विशेष रूप से क्रॉस-एग्जामीन के दौर के दौरान।
- लगातार ओवरटाइम होना।
- नियमों को तोड़ना या दुरुपयोग करना
प्रमाण जो हैं वे तथ्य, चित्र, व्हिडीयो, डेटा, उद्धरण आदि हैं, जो एक वक्ता के तर्क का समर्थन करते हैं।
निम्नलिखित नियम प्रमाणों पर लागू होते हैं:
- प्रमाण के प्रत्येक टुकडें को स्पष्ट रूप से वक्ता की अपनी राय और अन्य प्रमाणों से अलग किया जाना चाहिए।
- सभी सबूतों की पहचान की जानी चाहिए, उन्हें स्त्रोत बनाया जाना चाहिए और स्वतंत्र रूप से सत्यापन योग्य होना चाहिए। यह "अनुसंधान से पता चलता हैं की ...." के समान बयानों में "अस्पष्ट परिणाम" को स्पष्ट रूप से अस्वीकार करता हैं। इसके बजाय, इस तरह के बयानों "अनुसंधान द्वारा किए गए शोध से पता चलता हैं की...." के रूप में सुधार किया जाना चाहिए।
- परिणाम को विकृत, गलत तरीके से उद्धृत, आंशिक रूप से उद्धृत या संदर्भ से बाहर उद्धृत किया जा सकता हैं। ऐसा बर्ताव अस्वीकार्य माना जाता हैं।
- उपयोग किए गए सभी परिणाम अन्य टीमों, दर्शकों और न्यायधीशों को उपलब्ध कराए जाने चाहिए, ताकि उनमें से कोई भी अपने बोलने के दौरान इसका उपयोग कर सकते हैं। इसका मतलब हैं, उदाहरण के लिए, यदि आप एक मुद्दा रखने के लिए एक छपे चार्ट का उपयोग करते हैं, तो छपे चार्ट को कमरे के अंदर एक स्थान पर रखा जाना चाहिए जहाँ अन्य लोग इसे उपयोग करने के लिए ले सकें।
- किसी अन्य टीम या न्यायधीशों के अनुरोध पर, उपयोग किए गए परिणाम विस्तृत रूप में और लिखित रूप में प्रदान किए जाने चाहिए। यदि परिणाम बहुत लंबा हैं, तो उसका कम से कम एक पृष्ठ उपलब्ध होना चाहिए।
- प्रत्येक परिणाम को कम से कम निम्नलिखित जानकारी प्रदान करनी चाहिए:
- लेखक का नाम
- लेखक की योग्यताएँ जो विषय के लिए उच्चित हैं।
- दिनांक और पृष्ठ संख्या सहित संपूर्ण ग्रंथ सूची के स्रोत की जानकारी
- इंटर्नेट स्त्रोतों के मामले में, पूरा यूआरएल और जिस दिन से उसका उपयोग किया जा सके उसकी तारीख
- वाद विवाद के अवधि के दौरान टीम के सदस्य कोई बाहरी कोचिंग प्राप्त नहीं कर सकते हैं।
- दर्शकों या टीम के अन्य सदस्यों द्वारा वक्ताओं के व्यवधान की अनुमति नहीं हैं और इसे वाद विवाद मध्यस्त द्वारा नियंत्रित किया जाना चाहिए। जयकरे की अनुमति नहीं हैं।